बाहुबली सिनेमा का एक दृश्य जीसमे बाहुबली को राजद्रोह के आरोप में राजगृह से निकल दिया है और वह अपनी पत्नी के साथ पास ही के गाँव मे जाकर रहता है। वहाँ पर भी बाहुबली अपने कुशल नेतृत्व के कारण लोगो का नेता बन जाता हैं. उसे लोगो के बीच देखकर उसकी कार्यशैली देखकर बिज्जलदेव भल्लालदेव से कहता है "अगर यह जीवित रहा तो जहाँ भी रहेगा महाराज बनकर रहेगा".
यह भले ही एक सिनेमा का सीन होगा लेकिन कही न कही वास्तविकता दर्शाता है. बिज्जलदेव जैसी विकृत मानसिकता के लोग हर जगह देखे जा सकते है जिन्हें किसीकी ईमानदारी या नेतृत्व मान्य नहीं होता फिर चाहे वह व्यक्ति कितना भी प्रभावी और विद्वान हो. यह बिज्जलदेव जैसी ही मानसिकता होती है जो खुद का अस्तित्व बचाने के लिए हर वक्त कोई न कोई षडयन्त्र रचता रहता है. उसी षडयंत्रो की बदौलत वह विकृत मानसिकता अच्छे से अच्छे व्यक्ति का निर्मम अंत कर देती है फिर चाहे वह अंत शारीरिक हो या मानसिक...! वक्त रहते ऐसी कुंठित मानसिकता का सिर कुचलना चाहिए वरना इसका नुकसान समाज को भुगतना पड़ता है.
एम जे
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